क्या Generator पर पाबंदी लगने के कारण बढ़ेगी सोलर की जरूरत?

आज के समय में पूरे दिल्ली - एनसीआर (NCR) पूरे देश के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है और सर्दी के मौसम में यहाँ की Air Quality काफी खराब हो जाती है। इसी को लेकर आगामी 1 अक्टूबर से यहाँ पर डीजल जेनसेट (Diesel Generator) पर बैन लगाया जा रहा है। इस प्रतिबंध का उद्देश्य यहाँ बिजली कटौती की स्थिति में डीजल जेनसेट पर रोक लगाते हुए, वाय प्रदूषण (Air Pollution) पर रोक लगाना लगाना है। इस वजह से अगले महीने से दिल्ली - एनसीआर (Delhi NCR) के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

Summary

बता दें कि दिल्ली - एनसीआर में डीजल जेनसेट पर Graded Response Action Plan (Grap) के अंतर्गत प्रतिबंध लगाया जा रहा है। इस प्रतिबंध के अनुसार, किसी भी Industrial, Commercial, Official, Residential Sector में डीजल जेनसेट के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक होगा। इस योजना की शुरुआत 1 अक्टूबर से होगी और यहाँ वायु प्रदूषण का स्तर जैसे जैसे बढ़ेगा, इस कानून को और अधिक सख्त कर दिया जाएगा।

कितना होगा असर?

बता दें कि आज के समय में डीजल जेनसेट का इस्तेमाल बिजली कटौती की स्थिति में Power Backup Solution के तौर पर किया जाता है। ऐसे में, यदि इस योजना को लागू कर दिया गया और आपके पास बिजली कटौती की स्थिति में बिजली का कोई वैकल्पि साधन नहीं है, तो आपको कई बुनियादी चीजों के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जैसे कि बिजली के बिना आपके घर में न लाइट होगी, न पंखा चलेगा। न किसी बहुमंजिला इमारत में लिफ्ट एलिवेटर (Lift) चलेगी और इससे अस्पतालों में आपातकालीन सेवा भी काफी प्रभावित हो सकती है। साथ ही, कारखानों और दफ्तरों में भी बिजली के बिना कोई काम नहीं हो सकता है।

क्या है इसका समाधान?

बता दें कि यदि आप बिजली के लिए एक Alternative Source की योजना बना रहे हैं, तो इसके लिए Solar System से अच्छा कुछ नहीं है। बता दें कि अपने घर या कमर्शियल (Home & Business) स्पेस में सोलर सिस्टम लगा कर आप न केवल सरकारी बिजली पर निर्भरता कम करते हुए, अपने हर महीने के अंत में आने वाले बिजली बिल को कम कर सकते हैं। बल्कि इससे सरकार के पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी एक नई मजबूती मिलेगी, खास कर दिल्ली जैसे अति प्रदूषित शहरों में।आज के समय में दिल्ली में जितने भी Commercial, Industrial Building या Society हैं। वहाँ के लोग अपनी बिजली जाने पर जनरेटर का इस्तेमाल करते हैं और इस वजह से यहाँ काफी प्रदूषण फैलता है।

क्या है सोलर लगाने में समस्या?

सौर ऊर्जा एक अच्छा ऊर्जा का स्रोत है जो हम लोग को प्रतिदिन 10 घंटे मिलती है लेकिन यह ऊर्जा सूर्य की रोशनी पर निर्भर करता है। सोलर और जेनरेटर की तुलना किया जाता है तो जनरेटर की शुरुआती कीमत कम होती है परंतु इसमें डीजल की खर्च बार - बार होते रहता है। वहीं पर सोलर पर शुरुआती कीमत ज्यादा होती है लेकिन बाद में बहुत ही कम खर्च होती है। सोलर पैनल लगाने के कुछ समस्या भी आती है जैसे कि - Installation Area, Inverter Capacity, Investment, Reliability, etc. इन सभी समस्या को दूर करने के लिए लूम सोलर ने Powerful Energy Storage के साथ World's Most Efficient Solar PV Module लेकर आया है जो कम जगह में ज्यादा बिजली बनाकर देता है।

क्या होता है खर्च में अंतर

बता दें कि यदि आपने अपने पास 10 से 15 किलोवाट का जनरेटर रखा है, तो इसे खरीदने में करीब 2.5 से लेकर 3 लाख का खर्च आता है। वहीं, यदि आप सोलर सिस्टम की बात करें, तो आज के समय में 1 किलोवाट के Off Grid Solar System को खरीदने में करीब 1 लाख रुपये का खर्च आता है। इस हिसाब से यदि आप 15 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाते हैं, तो इसमें आपको करीब 15 लाख रुपये का खर्च आएगा। इसके अनुसार, जनरेटर और सोलर सिस्टम के शुरुआती खर्च में काफी ज्यादा फर्क है।

लेकिन जनरेटर को चलाने में हर महीने चलाने में काफी खर्च आता है। बता दें कि यदि आप हर दिन केवल 2 घंटे भी जनरेटर चलाते हैं, तो हर महीने 30 से 40 हजार का खर्च आना कोई बड़ी बात नहीं है। साथ ही, इसे रखरखाव की भी काफी जरूरत होती है। लेकिन सोलर सिस्टम लगाने के बाद आपका खर्च लगभग जीरो हो जाएगा।

कितने किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाएं?

बता दें कि यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे किस सेक्टर में लगाना चाहते हैं और आपकी बिजली की जरूरत कितनी है। जैसे कि यदि आप इसे अपने घर में 1 एसी और टीवी, फ्रीज, पानी का मोटर जैसे अन्य मशीनरी को चलाने के लिए लगाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको कम से कम 5 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाना होगा। वहीं, यदि किसी बड़े दुकान में लगाना चाहते हैं, तो इसके लिए आप 10 से 15 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगा सकते हैं। वहीं, आप इसे किसी बड़े कमर्शियल या इंडस्ट्रियल सेक्टर में लगाना चाहते हैं, तो आप 50 किलोवाट से लेकर 100 किलोवाट तक के सोलर सिस्टम को लगाने पर विचार कर सकते हैं।

निष्कर्ष

यदि आप अपने यहाँ सोलर सिस्टम लगाना चाहते हैं, तो आपको साइट सर्वे की जरूरत पड़ेगी। आज यह सुविधा आपको Loom Solar द्वारा प्रदान की जाती है। आपके द्वारा साइट सर्वे बुक करने के बाद, हमारे इंजीनियर आपके यहाँ जाएंगे और आपकी जरूरतों को देखते हुए, सोलर इंस्टालेशन के हर लेवल पर आपकी पूरी मदद करेंगे।

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