आज के समय में पूरे देश में निरंतर महंगी होती बिजली (Electricity Rate In India) और बिजली कटौती (Power Crisis In India) के कारण सोलर एनर्जी की डिमांड (Solar Energy Demand) काफी तेजी से बढ़ती जा रही है। ऐसे में, यदि पूरे देश में गुजरात के सोलर मॉडल (Gujarat Solar Model) को लागू कर दिया जाए, तो यहाँ सोलर की डिमांड और अधिक तेजी से आगे बढ़ सकती है।
आज के इस लेख में हम आपको Gujarat Solar Model के बारे में ही 3 खास बातें बताने जा रहे हैं, जिसे देश के हर एक DISCOM’s को फॉलो करनी चाहिए।
पहला - यदि DISCOM’s अपने कंज्यूमर को सोलर सिस्टम से एक्स्ट्रा इलेक्ट्रिसिटी बनाने पर पेमेंट करती है, विशेष रूप से रेजीडेंसियल सेक्टर में, तो इससे ग्राहक सोलर सिस्टम लगाने के प्रति काफी ज्यादा इंटरेस्ट दिखाएंगे। क्योंकि, एक्स्ट्रा इलेक्ट्रिसिटी बनने पर नेट मीटर (Net Meter) से जो बिलिंग साइकिल होती है, उसके हिसाब से 2.5 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से कंज्यूमर को डायरेक्ट बैंक अकाउंट में जाता है।
दूसरा - यदि किसी कंज्यूमर के पास 3 किलोवाट का Sanctioned Load है और वह 3 किलोवाट से ज्यादा का सोलर सिस्टम लगवाना चाहता है, तो ऐसे स्थिति में ग्राहकों को आसानी से Net Meter लगाने का अप्रूवल मिलना चाहिए। इससे लोगों का डर खत्म हो जाएगा।
तीसरा - आज के समय में पूरे देश में सोलर सिस्टम लगाने की प्रक्रिया काफी आसान होनी चाहिए। कम से कम डॉक्यूमेंटेशन का काम हो और ज्यादा टाइम न लगे। जैसे कि आप अपने बीते 3 साल के आईटीआर, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बिजली बिल, आदि के आधार पर सोलर सिस्टम को अपने यहाँ आसानी से इंस्टाल कर सकते हैं।
बता दें कि यह मॉडल गुजरात में लागू हो चुका है और इससे लोगों को काफी मदद मिल रही है। ऐसे में, इस मॉडल को पूरे देश में लागू होना चाहिए।
निष्कर्ष
हमें विश्वास है कि गुजरात में सोलर मॉडल पर आधारित यह लेख आपको पसंद आएगा। यदि आप अपने यहाँ सोलर सिस्टम लगाते हुए, खुद को बिजली के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं, तो अभी हमसे संपर्क करें। हमारे विशेषज्ञ आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार करते हैं। आपकी जरूरतों को समझते हुए, वे आपकी साइट पर जाएंगे और आपको आगे की राह दिखाएंगे।