Inverter खरीदना हुआ आसान  ये 5 बातें देंगी समाधान !

गर्मी और बारिश के मौसम में बार – बार बिजली आने जाने की समस्या रहती है जिसके कारण लोगो की प्रतिदिन के कामों में परेशानी होती है. कभी – कभी वारिश और पॉवर कट दोनों एक साथ हो जाता है जिसके कारण लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग भी नहीं हो पाती है. इसके लिए आपको अपने घर में सही इन्वर्टर लगवाने की जरुअत है जिससे आप अपने पंखा, लाइट, टीवी, फ्रीज, पानी का मोटर, ए.सी. बिजली जाने के बाद भी चला सकें.

इन्वर्टर (Inverter) क्या होता है?

इन्वर्टर (Inverter) एक ऐसा उपकरण है जिससे DC Voltage को AC Voltage में कन्वर्ट करता है और इससे घर में सभी उपकरण बिजली जानने के बाद चलाया जाता  है.

कैसे काम (Working Function) करता है?

इन्वर्टर, कंप्यूटर के CPU के जैसा होता है जहाँ से घर के सभी उपकरण बंद – चालू किया जाता है. इन्वर्टर को शुरू होने के लिए 220V/50HZh. पॉवर की जरुअत होती है. यह वोल्टेज रेंज नयूनतम 190V और ज्यादा 240V तक ही काम करता है अन्यथा इन्वर्टर काम करना बंद कर देता है. 

यदि आप अपने घर नार्मल इन्वर्टर ले कर आये है तो आपका इन्वर्टर बिजली से बैटरी को चार्ज करेगा और घर के उपकरण को भी बिजली Bypass करता है. लेकिन जब बिजली चली जाएगी तो आपके घर का उपकण बैटरी से चलने लगेगा.

यदि आप अपने घर सोलर इन्वर्टर ले कर आये है तो आपका इन्वर्टर दिन के समय में सोलर पैनल, रात के समय में बिजली से बैटरी को चार्ज और घर के लोड चलायेगा. जब रात के समय में बिजली चली जाएगी तो आपके घर के उपकरण बैटरी से चलेगा.

कितने प्रकार (Inverter Types) का होता है?

भारत में हर साल 1cr. इन्वर्टर बेचे जा रहें है जिसमे नार्मल इन्वर्टर और सोलर इन्वर्टर दोनों है. नार्मल इन्वर्टर का मतलब है यह सिर्फ बिजली से ही चार्ज हो जायेगा वहीँ पर सोलर इन्वर्टर में बिजली और सोलर दोनों का सुबिधा दिया हुआ रहता है.

बढ़िया इन्वर्टर खरीदते समय किन बातों (Guidelines) का ध्यान देना जरुरी है?

जब भी इन्वर्टर खरीदते है तो उस इन्वर्टर के बारे में सामान्य जानकरी जरुर जानना चाहिए अन्यथा जिस जरूरत के लिए इसे खरीद कर लाया गया है वो पूरा नहीं हो पायेगा. इसके लिए आपको यहाँ 5 टिप्स बतायेगे तो आपको इन्वर्टर खरीदने (buy inverter) में मदद करेगा:

1.लोड (Load): आपके पास जितने उपकरण है उसका Continous Power Consumption पता करें. इसके लिए लूम सोलर लोड कैलकुलेटर की मदद ले सकते है.

2. क्षमता (Capacity): बिजली जाने के बाद कितने वाट का लोड चलाना चाहते है उसके दुगना इन्वर्टर का क्षमता होना चाहिए. [Inverter Capacity = 2 * Continous Power Consumption] भारत में इन्वर्टर 500W, 1kW, 3kW, 5kW, 7.5kW और 10kW का उपलब्ध है.

3. टेक्नोलॉजी (Technology): मार्केट में दो प्रकार का इन्वर्टर उपलब्ध है – PWM & MPPT सोलर इन्वर्टर. MPPT Inverter की क्षमता लगभग 96% की होती है वहीँ पर PWM Inverter की क्षमता लगभग 75% की होती है.

4. प्राइस (Budget): इन्वर्टर का प्राइस 5000 से शुरू होकर 1,00,000 रुपये तक जाता है जो ब्रांड, वारंटी और टेक्नोलॉजी पर निर्भर करता है.

5. ब्रांड (Brand/Manufacturer): भारत में इन्वर्टर कंपनी Microtek, Luminous, Livguard, Exide, और V-Guard है.

इन्वर्टर का कनेक्शन (Connection) कैसे होता है?

इन्वर्टर का कनेक्शन आसानी से समझने के लिए हमने यहाँ इन्वर्टर को दो केटेगरी में रखें है. पहला 2500VA तक का और दूसरा 3kW – 10KW तक का इन्वर्टर.

2500VA तक के सोलर इन्वर्टर का कनेक्शन करने के लिए, नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें:

  1. बैटरी का Positive और Negative को इन्वर्टर के Positive और Negative से जोड़ें.
  2.  इन्वर्टर के Output को घर के Distribution Box से जोड़ें.
  3. इन्वर्टर में सोलर पैनल से आने वाले wire को जोड़ें.
  4. अब इन्वर्टर के इनपुट को ग्रिड से जोड़ें.   
  5. अब इस पर लोड चला कर चेक करें.

3kW से 10kW के सोलर इन्वर्टर का कनेक्शन करने के लिए, लूम सोलर इंजिनियर का मदद ले  सकते है. 

कैसे पता करें कि इन्वर्टर बैटरी को चार्ज (Charging Status) कर रहा है?

आज के समय में इन्वर्टर की टेक्नोलॉजी काफी तेजी बढ़ रहा है.जैसे कि

  • IoT Based Technology
  • Transformer less Inverter
  • Lithium Battery & Lead Acid Battery Compatible
  • Wall Mounted

इस प्रकार के इन्वर्टर में Digital Display लगा होता है जिसमे Battery Charging, Full Charge, Low Battery, Overload, %Load बताते रहता है. इस इन्वर्टर की Features, Price, Brand, और Review यहाँ से प्राप्त कर सकते है. [https://www.loomsolar.com/collections/solar-inverters/products/microtek-5-kva-48-volt-off-grid-solar-inverter]

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Rahul.kumar

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