क्या आप भी सोलर को पसंद करते हैं और अपने घर मैं सोलर पैनल लगवाने का सोच रहे हैं? तो आपके दिमाग में भी सबसे पहले यह ही सवाल आ रहा होगा के भारत देश के अंदर सोलर का सबसे फायदेमंद पैनल कौन-सा है? अपने घर में कौन सा पैनल लगवाना बेहतर साबित होगा?
तो इसका जवाब सिर्फ एक ही है “बाईफेशियल सोलर पैनल”।
इस आर्टिकल के अंदर बाईफेशियल सोलर पैनल क्या होता है? यह काम कैसे करता है? इसको लगवाने के फायदे कितने हैं? इसकी एफिशिएंसी कितने हैं? इसको लगाने में कितना खर्च आएगा? और अन्य अहम जानकारी के बारे में विस्तार से बताया गया है। बाईफेशियल सोलर पैनल से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
क्या है बाईफेशियल सोलर पैनल?
बाईफेशियल सोलर पैनल सोलर (Bifacial solar panel) की दुनिया में एक लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है। यह पैनल भारत के अंदर एकमात्र ऐसा सोलर पैनल है जो कि आगे और पीछे दोनों तरफ से बिजली बनाता है। सामान्य सोलर पैनल के मुकाबले यह पैनल 25% अधिक बिजली बनाता है। यह सोलर पैनल 440 watt तक का होता है जो कि 500 से 550 watt तक बिजली बनाने की क्षमता रखता है।
कैसे यह बनता है?
बाईफेशियल सोलर पैनल को बनाने में खास सोलर सेल का इस्तेमाल किया जाता है जो कि पारदर्शी होने के कारण आगे और पीछे दोनों तरफ से बिजली बनाती है। सोलर पैनल में सेल की सुरक्षा के लिए सेल के ऊपर और नीचे टेंपर्ड ग्लास (EVA फिल्म) लगा होता है। बाईफेशियल सोलर पैनल की बाहरी सुरक्षा के लिए आगे की तरफ ग्लास लगाया जाता है।
कैसे काम करता है?
बाईफेशियल सोलर पैनल अन्य पैनल की तरह ऊपर की ओर से आने वाली सूरज की किरणों से तो बिजली बनाता ही है, परंतु इस सोलर पैनल में खास पारदर्शी सोलर सेल लगे होते है| जिसकी मदद से सूरज से आने वाली किरणें इस पैनल के आर-पार निकल जाती है और जब वह किरणें पैनल के पीछे की सतह से टकराकर या रिफ्लेक्ट होकर वापस सोलर पैनल पर पड़ती है तो यह सोलर पैनल पिछली तरफ से भी बिजली बनाता है|
कितना ज्यादा बिजली बनाता है?
यह सोलर पैनल दोनों तरफ से बराबर मात्रा में बिजली नहीं बनाता है| यह सोलर पैनल आगे की तरफ से 90 से 100% बिजली बनाता है और पीछे की ओर से यह 25% से 30% तक बिजली बनाता है|
इसकी एफिशिएंसी कितनी है?
बाईफेशियल सोलर पैनल की एफिशिएंसी यानी कार्य क्षमता भारतीय बाजारों में मिल रहे अन्य सोलर पैनल के मुकाबले काफी ज्यादा है। इस सोलर पैनल की एफिशिएंसी लगभग 27% होती है। दोनों तरफ से बिजली बनाने की क्षमता होने की वजह से यह पैनल 5 से 30% तक अधिक बिजली बना सकता है। जबकि मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल की एफिशिएंसी 20 से 22% होती है और पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल की एफिशिएंसी 15 से 17% होती है।
इसके फायदे क्या है?
- बाईफेशियल सोलर पैनल का फायदा पैनल की पिछली या निचली सतह के पर निर्भर करता हैं, कि आप इस पैनल को कहां लगाने जा रहे हैं। सतह के अनुसार बिजली बनाता है यह पैनल। यदि आप इस पैनल को- पानी के ऊपर लगाते हैं तो यह 7% अधिक बिजली यानी 470 वाट तक बिजली बनाता है
- घास के ऊपर लगाते हैं तो 10% अधिक यानी 485 वाट तक
- कंक्रीट ग्राउंड के ऊपर लगाते हैं तो 13% अधिक यानी 495 वाट तक
- रेत के ऊपर लगाते हैं तो 15% अधिक यानी 505 वाट तक और
- यदि आप इस पैनल को वाइट कोटिड ग्राउंड के ऊपर लगाते हैं तो यह पैनल सबसे ज्यादा 20% यानी 530 वाट तक बिजली बनाता है। जिससे आप इस पैनल का पूरा फायदा उठा सकते हैं।
- कम जगह में अधिक बिजली बनाता है और स्पेस बचाता है।
- घर को खूबसूरत बनाता है व क्लासी लुक देता है।
- यह पैनल, सोलर की दुनिया में सबसे एडवांस टेक्नोलॉजी है।
इसकी कीमत कितनी है?
बाईफेशियल सोलर पैनल एक नई और ऐडवांस टेक्नोलॉजी है इसीलिए भारतीय बाजार में बाईफेशियल सोलर पैनल की औसत कीमत 28 रुपये से 30 रुपये प्रति वाट है।
घर के लिए कितने सोलर पैनल की जरूरत पड़ेगी?
जिन लोगों के घर में एक बैटरी और एक इनवर्टर लगा हुआ है और वह उस बैटरी पर अपने घर के सभी उपकरणों से जैसे पंखा, टीवी, लाइट, फोन चार्ज करना और अन्य घरेलू उपकरण चलाते हैं तो ऐसे लोगों के लिए बाईफेशियल का एक पैनल ही काफी है। बाईफेशियल सोलर का एक पैनल 500 वाट से भी ज्यादा बिजली बनाता है। जिसकी वजह से यह 150 ए.एच. की बैटरी को से पूरी तरह चार्ज कर देता है। तो जिन लोगों के घर में एक इनवर्टर और एक बैटरी का सिस्टम लगा हुआ है और वह इतना कारगर है के घर के सभी उपकरणों को आसानी से चला लेता है तो ऐसे घरों के लिए बाईफेशियल सोलर पैनल लगवाना फायदेमंद साबित होगा।
उम्मीद है इस आर्टिकल से आपको अपने सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगे।
3 comments
Manoj Patwa
4kv sistam kitne Watt light dega
Pankaj
7 FAN
20 CFL
1 TV
1 WASHING MACHINE
2 HP moter
Anil Sharma
I WANT INSTALL IFACIAL SOLAR PANNEL