Rain Water Harvesting के लिए अपनाएं Solar, होंगे कई फायदे

आज भारत में जल संकट दिनों दिन गहराता जा रहा है। इससे बचाव के लिए सरकारी स्तर के साथ ही, लोगों द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर भी कई प्रयास किये जा रहे हैं।वर्षा जल संचयन (Rain Water Harvesting) इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। क्योंकि इससे बारिश का जो पानी ऐसे ही बर्बाद हो जाता है, उसे संरक्षित करने और दैनिक जरूरतों को पूरा करने में उसका इस्तेमाल करने में यह सिस्टम काफी कारगर है।

क्या है वर्षा जल संचयन? (What is rain water harvesting)

बता दें कि यह बारिश के पानी को किसी खास उपायों के जरिए जमा करने की एक प्रक्रिया है। इससे हमें जल संकट से निपटने में काफी मदद मिल सकती है, क्योंकि यह हमारी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के साथ ही, भूजल स्तर को बढ़ाने में भी काफी कारगर है।

क्या हैं फायदे

बारिश के पानी को संरक्षित करने से पर्यावरण को तो फायदा है ही, इससे आपको व्यक्तिगत स्तर पर भी कई फायदे हो सकते हैं। जैसे - इससे आपके लिए पानी की आसान उपलब्धता सुनिश्चित होगी और आपके पैसे की भी बजत होगी। 

कैसे काम करता है वर्षा जल संचयन प्रणाली? (How does rain water harvesting system work)

बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए आपको कई संरचनाओं का निर्माण करना पड़ता है। हालांकि, इसके लिए सबसे मूल है - बारिश के पानी को एक जगह जमा कर, उसे उपयोग में लाना।

इसके लिए विभिन्न उपाय हैं, जैसे - Surface Water Collection Systems, Rooftop system, Dams, Underground Tanks, Water Collection Reservoirs, आदि।

वर्षा जल संचयन प्रणाली बनाने में कितना खर्च आता है? (How much does it cost to build a rainwater harvesting system)

बता दें कि यदि आपका घर करीब 300 वर्ग मीटर के दायरे में फैला हुआ है, तो इसके लिए वर्षा जल संचयन प्रणाली को विकसित करने में 2 हजार से 30 हजार का खर्च आ सकता है। यह पूरी तरह से आपकी जरूरत पर निर्भर करता है।

मिल सकता है सरकारी योजनाओं का लाभ

आज वर्षा जल को संरक्षित करने के लिए केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा कई प्रयास किये जा रहे हैं। यदि इसे आप अपने खेती की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगाना चाहते हैं, तो आपको प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जैसे योजनाओं का लाभ मिल सकता है।

अपनाएं सोलर

चूंकि, यदि आप अपने यहाँ वर्षा जल संचयन प्रणाली बनाना चाहते हैं, तो इससे पानी को दूर तक सप्लाई करने के लिए आपको पम्प की जरूरत पड़ सकती है। यदि आप सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए, सोलर पम्प को भी अपना सकते हैं।

कितना आएगा खर्च

बता दें कि यदि आप अपने यहाँ 3 से 5 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगवाते हैं, तो आप बिजली के मामले में काफी हद तक आत्मनिर्भर हो सकते हैं। 

इसमें आपको 3 से 5 लाख का खर्च आएगा। लेकिन यदि आप एक बार इतना निवेश कर देते हैं, तो आपको सालों साल मुफ्त और निर्बाध मिलती रहेगी।

निष्कर्ष

हमें यकीन है कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। यदि आप रोजमर्रा से जुड़ी ऐसे ही विषयों के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं, तो हमारे साथ जुड़े रहें।

वहीं, यदि आप सोलर सिस्टम को अपना कर खुद को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं, तो अभी हमसे संपर्क करें, हमारे विशेषज्ञ आपकी मदद के लिए हमेशा ही तैयार रहते हैं।

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