सोलर उपभोक्ताओं को आज भी सोलर सिस्टम खरीदने में बहुत ज्यादा दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है क्योंकि उपभोक्ताओं को सोलर का पूर्ण ज्ञान नहीं होता है जिससे वह सोलर विक्रेता को पूरी जरूरत नहीं समझा पाते हैं और काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है पांच बातें जिनका ध्यान रखते हुए हम जानेंगे कि किस समय हमें किस तरह के सोलर पैनल की जरूरत है-
सोलर खरीदते समय रखे इन पांच बातों का ध्यान
उपयोग के आधार पर
सामान्यतः सोलर पैनल को दो कारणों से ख़रीदा जाता है एक बैटरी को चार्ज करने के लिए यानी ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम और दूसरा बिजली का बिल कम करने के लिए यानी की ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम
1. बैटरी को चार्ज करने के लिए
यदि बैटरी को चार्ज करने के लिए सोलर पैनल का प्रयोग करेंगे तो बिजली का बिल भी कम होगा और साथ ही हमें निम्न लाभ मिलेंगे :-
- इनवर्टर बैटरी सोलर की मदद से चार्ज होगी और यदि लंबे समय तक बिजली की कटौती होने पर भी किसी तरह की परेशानी नहीं होगी|
- कभी भी बिजली की कटौती और कम वॉल्टेज की दिक्कत नहीं होगी|
2. बिजली का बिल कम करने के लिए

बैटरी को चार्ज करने के साथ-साथ सोलर का प्रयोग बिजली बिल को कम करने के लिए भी किया जाता है वर्तमान समय में फ़ैक्टरी, होटल, पेट्रोल पंप और जहां पर भी ज्यादा बिजली की खपत होती है वहां ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम का उपयोग किया जाता है जिससे बिजली बिल को कम किया जा सके| ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम से हमें निम्न लाभ मिलते हैं :-
- दिन के समय सभी बिजली के उपकरण सोलर पैनल की मदद से चलेंगे|
- बिजली का बिल भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी|
सोलर पैनल की तकनीक के आधार पर
बाजार में दो तरह के सोलर पैनल उपलब्ध है :-
1. पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल
पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल पुरानी तकनीक के ऊपर बने हुए होते हैं और यह कम बिजली का उत्पादन करते हैं| इनकी कीमत कम होती है|
2. मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल
मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल आधुनिक तकनीक पर बने हुए हैं यह पैनल कम धुप और बारिश के मौसम मे भी ज्यादा बिजली का उत्पादन करते हैं|
सोलर सिस्टम की क्षमता
सोलर पैनल को बैटरी या फिर महीने के बिल के अनुसार ख़रीदा जाता है| यदि सोलर खरीदने का मुख्य कारण बैटरी को चार्ज करना है तो 10 वाट से लगाकर 375 वाट तक के सोलर पैनल का प्रयोग कर सकते हैं|
जबकि बिजली के उपकरणों को चलाने के लिए या फिर बिजली का बिल कम करने के लिए 330 वाट से 350 वाट तक के सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है|
सोलर सिस्टम का आकार
सोलर पैनल छत पर जगह घेरते हैं। जितनी ज्यादा क्षमता के सोलर सिस्टम का प्रयोग होगा उतना ही ज्यादा जगह की जरूरत होगी। 300 वाट से 375 वाट सोलर पैनल की लम्बाई 2 मीटर होती है और चौड़ाई 1 मीटर होती है। जितने ज्यादा वाट के सोलर पैनल का प्रयोग होगा उतने ही कम जगह की जरूरत होगी|
सोलर पैनल के अंग
2. 1मीटर डीसी तार:- सोलर पैनल पहले से ही 1 मीटर के डी सी तार के साथ आता है जिस से बिजली का उत्पादन कम ना हो और इनस्टॉल करने में आसानी रहे|
पूरी जानकारी यहाँ देखें:
सोलर लगाना कितना फादेमंद? सोलर खरीदने से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? इस वीडियो मैं आपको पूरी जानकरी देंगे.
सारांश
यह ब्लॉग पाठकों के लिए यह तय करने के लिए लिखा गया है कि बिजली कटौती की समस्या का समाधान किस तरह से किया जा सकता है, सौर पैनल में वॉल्टेज क्या है - 12V या 24V में से आपके लिए कौन सा उपयुक्त है, और कैसे बिजली की कटौती के समय कई घंटो तक पंखे और लाइट सोलर सिस्टम की मदद से काम करेंगे। बैटरी, इन्वर्टर और चार्ज कंट्रोलर के साथ किस वॉल्टेज के सोलर पैनल काम करेंगे। हमें उम्मीद है कि हम कुछ हद तक आपकी मदद कर पाए हो। यदि सोलर के प्रति आपका कोई भी प्रश्न हो तो आप हमें लिख सकते हैं।
1 comment
Dillip Sahoo.
75 Watt Solar panels ke liye mujhe kitna ah Ka battery lagana chahiye. DC system. 1 dc fan.1 bulbs. 1 mobile