समय बदल रहा है और समय के साथ हमारे घर के बिजली मीटर भी बदल रहा है. आज तक जो बिजली प्रयोग कर रहे है उसका बिल अगले 30 से 45 दिनों के बाद जमा करते है लेकिन आने वाले समय में ऐसा नहीं होगा. बिजली कंपनी चाहती है कि हर घर तक बिजली पंहुचा जाये लेकिन पुराने तरीको से संभव नहीं है. जब लोग गैस और फोने का बिल पहले जमा करते है तो फिर बिजली बिल क्यों नहीं?
इसी समस्या को दूर करने के लिए बिहार सरकार 2019 में पुराने बिजली मीटर (Electricity Meter) को बदल कर स्मार्ट प्रीपेड मीटर (Smart Prepaid Meter) लगाने का काम चालू किया था. यह सबसे पहले शहरी इलाको से शुरू किया गया जहाँ पर इसकी निगरानी सही तरीको से हो सके. उसके अगले वर्ष केंद्रीय बजट 2021-22 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना को अखिल भारतीय स्तर पर पेश करने का प्रस्ताव रखा है।
In her budget speech, she said: “I propose a budget of Rs 22,000 crore for 2020-21 to develop an ecosystem to achieve the goal of 24X7 electricity for all. The ecosystem will be around the development of infrastructure, electric grid across the country, green mode of electric generation, etc.”
Announcing to bring a new policy of Smart Metering, she said “The prepaid smart meters will give freedom to give consumers to choose suppliers and rate as per their requirement.”
क्या है प्रीपेड मीटर?

प्रीपेड स्मार्ट मीटर ऐसा मीटर जिसमें उपभोक्ता को बिजली इस्तेमाल करने के लिए प्रीपेड रिचार्ज यानी इस्तेमाल से पहले ही बिल का भुगतान करना होता हैं। यह ठीक वैसे ही है जैसे आप अपने मोबाइल में प्रीपेड रिचार्ज करते हैं। प्रीपेड मीटर की शुरुआत सन 2019 मैं बिहार के मुजफ्फरपुर, कांटी में हुई थी जो कि आने वाले दो-तीन सालों में भारत के विभिन्न राज्यों में अपनी अपना स्थान बनाने वाला है।
बिजली घरो तक कैसे पहुचती है?

हमारे घर तक बिजली पहुचाने के लिए दो पॉवर कंपनी मिलकर काम करती है - Power Producer Company जो सिर्फ बिजली बनाने की काम करती है और दूसरा Power Distribution Company जो घरो तक बिजली पहुचाने की काम करती है. इंडिया में NTPC (National Thermal Power Corporation Limited), ONGC (Oil and Natural Gas Corporation) जैसी कंपनी बिजली बनाती है और हर राज्य के सरकारी बिजली कंपनी DHBVN, UPPCL, PSPCL, इत्यादि घरो तक बिजली पहुचाती है और उसके बदले में उपभोक्ता से Per Unit बिजली चार्ज करती है.
क्या है प्रीपेड मीटर के फायदे?
इसके बिजली कंपनी और उपभोक्ता को क्या फायदे और नुकशान है वो आगे जानेगे:
1. बिजली कंपनी को होने वाले लाभ
- उपभोक्ताओं को बिल देने व वसूलने में आसानी होती हैं,
- नियंत्रित बिजली की खपत से बिजली का नुकसान कम होता है,
- उपभोक्ताओं पर रखी जा सकेगी ऑनलाइन निगरानी,
- बिजली चोरी की समस्या होगी हल।
बिजली कंपनी को स्मार्ट प्रीपेड मीटर से कोई नुकसान नहीं यदि वो सही तरीको से उपभोक्ता के घर पर इनस्टॉल करें अन्यथा उपभोक्ता की बिजली बिल गलत आने की उमीद ज्यदा हो जाएगी.
2. उपभोक्ताओं को होने वाले लाभ
- बिजली खपत पर कर पाएंगे नियंत्रण,
- बिजली बिल भुगतान होगा आसान घर बैठे मोबाइल की तरह मीटर होगा रिचार्ज,
- मीटर को जरूरत अनुसार कर पाएंगे ऑन ऑफ।
प्रीपेड मीटर से उपभोक्ताओं को होने वाले नुकसान?
वैसा बिजली उपभोक्ता हर महीने बिजली बिल जमा करते आ रहे है उनको इससे कोई नुकशान नहीं है पर वैसे उपभोक्ता बिजली बिल नहीं जमा करते है उनको इस मीटर से परेशानी हो सकती है.
कैसे काम करता है प्रीपेड मीटर?
इसमें उपभोक्ता को एक रिचार्ज कार्ड खरीदना होता है जिससे उन्हें बदले में कुछ यूनिट ऊर्जा प्राप्त होती है। ऊर्जा की खपत अनुसार बकाया राशि प्रत्येक यूनिट कम होती रहती है और जब राशि शून्य हो जाती है तो 1 दिन बाद बिजली की सप्लाई अपने आप कट हो जाएगी। फिर उपभोक्ता द्वारा दोबारा रिचार्ज कराने पर बिजली की सप्लाई तुरंत शुरू कर दी जाएगी।
Prepaid Smart Meter से जुडी जानकारी यहाँ से ले.
कौन-कौन उठा सकता है इसका लाभ?
प्रीपेड मीटर की सुविधा लेने के लिए कोई भी उपभोक्ता सीधा बिजली कंपनी द्वारा एक नया कनेक्शन लेने के लिए आवेदन कर सकता है। बिजली कंपनी द्वारा एक बार अपने घर या कार्यस्थल पर प्रीपेड मीटर कनेक्शन कराने के बाद उपभोक्ता दो साल तक सामान्य मीटर नहीं लगवा सकता। यदि दो साल बाद उपभोक्ता सामान्य मीटर लगवाना चाहते हैं तो उन्हें उसके लिए कंपनी में आवेदन करना होगा।
कैसे सोलर पैनल, प्रीपेड मीटर उपभोक्ता के लिए फायदेमंद है?

प्रीपेड मीटर का सबसे बड़ा नुकसान बेवक्त बिजली सप्लाई कट होना है। जिससे सोलर पैनल लगवा कर आसानी से बचा जा सकता है। क्योंकि यदि बिजली कट हो जाती है तो सोलर पैनल की मदद से आप अपनी बैटरी चार्ज कर सकते हैं और दिन में सोलर पैनल द्वारा अपने घर या कार्यस्थल पर बिजली का लोड आसानी से उठा सकते हैं।
रोज सोलर पैनल के इस्तेमाल से मीटर से आने वाली बिजली की खपत भी कम होती है क्योंकि यह सूर्य ऊर्जा का इस्तेमाल कर बिजली बनाता है और उसे इनवर्टर बैटरी चार्ज करने के साथ-साथ पूरे घर में भी सप्लाई करता है। जिसके कारण आपके बिजली बिल शुन्य बराबर हो जाता है।
सोलर पैनल लगवाने में कितना आएगा खर्च?
एक सामान्य घर का मासिक बिजली बिल लगभग 1000 से 1500 रुपये तक का होता है. यदि कोई 1 किलो वाट का सोलर सिस्टम अपने घर पर लगाकर अपने घर में पानी के मोटर छोड़ कर सारें उपकरण चलाना चाहते हैं तो उसका खर्च लगभग 1,00,000 रुपये तक आता है. जिनके घरों में पहले से सिंगल इन्वर्टर बैटरी है वह मात्र 25,000 रुपये और जिनके पास दो बैटरी वाला इन्वर्टर है वह 50,000 रुपये लगाकर सोलर का फायदा उठा सकते है.
इसकी अधिक जानकारी कहाँ से मिल सकता है?

सोलर एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट है जिसको बहुत ही सोच समझ के इन्वेस्ट किया जाता है। आज के समय में लोकल मार्किट में इसकी जानकारी मिलना मुश्किल है। इंडिया कि सबसे से तेजी बढती सोलर कंपनी “लूम सोलर” जो लोगो को सोलर के बारें में जागरूक करने में हमेशा से आगे रहतीं है। इस कंपनी से आप अपने घर बेठे आप अपने घर सोलर से जुड़ी सभी जानकारी निशुल्क प्राप्त कर सकते है और साथ के साथ सोलर इंजीनियर को अपने घर बुला सकते है।
निष्कर्ष
यदि आप सरकारी योजना के तहत प्रीपेड मीटर के लिए आवेदन कराने जा रहे हैं तो वन टाइम इन्वेस्टमेंट यानी सोलर इंस्टॉलेशन करा कर जीवन भर बिजली बिल से छुटकारा पा सकते हैं।





3 comments
Subedar nishad
Sir mere ghar pe solar panel lg rha hai kya pre-paid meter lagana chahiye ya nhi hme pre-paid meter lgane ka msg aaya hai koi nuksan to nahi hai hmara solar kitna unit bijli bna ke de rha hai usme hum kaise Jane
Naresh Varshney
Want Solar with Prepaid Smart Meter.
Manisha Varshney
How to connect Prepaid Smart Meter with Solar Panel