लिथियम बैटरी को आज के दिन में किसी परिचय की जरूरत नही है। लिथियम बैटरी आज न केवल मोबाइल फोन, लैपटॉप में बल्कि घरों में और गाड़ी में भी इस्तेमाल हो रही है। अब ये लेड एसिड बैटरी की जगह ले चुके है। इसके पीछे कारण है इसका हाई एनर्जी डेन्सिटी यानी छोटी साइज़ का होने के बावजूद ज्यादा पॉवर देना है। इसके साथ ही यह पोर्टेबल भी है। अब सवाल ये उठता है की इन बैटरी को चार्ज कैसे किया जाए और उस्से बैटरी की लाइफ कैसे बढ़ाई जा सके? तो इसका जवाब आपको कही ढूँढने की जरूरत नही है, इसका जवाब आपको यही मिलेगा।
जैसे गाड़ी सही तरीके से चलाने पर आपको बेस्ट माइलएज मिलता है उसी प्रकार लिथियम बैटरी के साथ आपको बेस्ट लाइफ और प्रयोग मिलता है। एक लिथियम बैटरी अपनी लाइफ में 2,000 से 2,500 चार्ज साइकिल देती है जो बढ़ कर 3,000 हो सकती है यदि उसका ध्यान दिया जाए तो। इस लाइफ साइकिल को बढ़ाने के लिए हमे कुछ बातो का ध्यान रखना होगा।
Step 1: Use of Compatible Charge Controller / Inverter
लिथियम बैटरी को हमेशा लिथियम स्पोर्ट चार्ज कंट्रोलर से ही चार्ज करे क्युकी चार्ज कंट्रोलर की सेटिंग लिथियम बैटरी के हिसाब से सेट रहती है और चार्जिंग में जितना कर्रेंट चाहिए होता है चार्ज कंट्रोलर से उतना ही मिलता है। यदि आपके पास 40Ah तक की लिथियम बैटरी है तो आपको चार्ज कंट्रोलर का उपयोग करना चाहिए और यदि आपके पास 100Ah की बैटरी है तो आपको लिथियम समर्थित इन्वर्टर जिसमें cc/cv चार्जिंग प्रोफाइल है का उपयोग करना चाहिए।
Step 2: C-Rating of Lithium Cells
लिथियम बैटरी में एक टर्म होती है सी रेटिंग जिसके अनुकूल ही यह तय होता है की बैटरी कितने कर्रेंट से चार्ज या डिस्चार्ज होगी। मनुफैक्चरर ने जो सी रेटिंग तय की होती है हमेशा उसी के अनुकूल वाली रेटिंग से बैटरी चार्ज व डिस्चार्ज करे वर्ना लिथियम बैटरी की लाइफ साइकिल घटना शुरू हो जाती है। यदि आप दूसरे चार्जर से लिथियम बैटरी को चार्ज करेंगे तो हो सकता है वह चार्जर बैटरी को कम या ज्यादा कर्रेंट दे जिससे बैटरी पर बुरा असर पड़ सकता है।
Step 3: DoD
अगली चीज है डेपथ ऑफ डिस्चार्ज, यानी आप बैटरी को कितना प्रतिशत तक प्रयोग कर सकते है। लिथियम बैटरी को आप 100% तक डिस्चार्ज कर सकते है लेकिन बैटरी की लाइफ पर कोई प्रभाव न पड़े इसीलिए आप केवल 80% तक ही इस्तेमाल करे, यानी जब बैटरी 20% पर पहुँच जाए इसके बाद चार्ज करे। लिथियम बैटरी की लाइफ लंबी रखने के लिए हमेशा उसे 40 से 80 प्रतिशत के बीच ही उपयोग करे।
100 प्रतिशत चार्जिंग को अवोइड करे, फ्लोट वोल्टेज में 100-एमवी से 300-एमवी की गिरावट लाइफ साइकिल को 2 से 5 गुना या अधिक तक बढ़ा सकती है। लिथियम आयन केमिस्ट्री अन्य केमिस्ट्री की तुलना में उच्च फ्लोट वोल्टेज के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं। लिथियम फॉस्फेट कोशिकाओं में आम तौर पर लिथियम आयन बैटरी की तुलना में कम फ्लोट वोल्टेज होता है। ये थे कुछ पॉइंट्स जिन्हे आप याद रख कर अपने बैटरी की लाइफ को बढ़ा सकते है और चार्जिंग में आपको कोई दिक्कत नही आयेगी।