भारत में आइसक्रीम का एक बड़ा कारोबार है। खासकर, गर्मियों के मौसम में इसकी माँग सबसे ज्यादा रहती है। आज देश के ग्रामीण इलाकों में भी आइसक्रीम की फैक्ट्रियां आसानी से देखने को मिल जाती है। बता दें कि किसी भी आइसक्रीम फैक्ट्री में अत्यधिक क्षमता वाले फ्रिज, मिक्सर, कूलर कंडेंसर, लाइट जैसे कई मशीनों की जरूरत पड़ती है और इसके लिए चौबीसों घंटे निर्बाध बिजली उपलब्ध होना जरूरी है।
क्या होती है दिक्कत?
लेकिन आज के दौर में ग्रामीण इलाकों में भारी बिजली कटौती की समस्या आम है, जिस वजह से लोगों का काफी प्रोडक्ट यूं ही बर्बाद हो जाता है और उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है।
वहीं, बिजली के वैकल्पिक साधन के रूप में कई लोग जनरेटर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन यदि कोई एक दिन में 2 घंटे के लिए भी जनरेटर का इस्तेमाल करता है, तो उस पर करीब 1400 से 1500 का खर्च आता है।
इस लिहाज जनरेटर का इस्तेमाल करने के बाद, हर महीने कम से कम 45 से 50 हजार का खर्च आता है।
क्या है बेहतर उपाय?
देश के किसी भी हिस्से में आइसक्रीम फैक्ट्री चला रहे लोगों के लिए बिजली के वैकल्पिक साधन के रूप में जनरेटर के बजाय सोलर सिस्टम का इस्तेमाल करना बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
क्योंकि, एक बार सोलर सिस्टम में निवेश करने के बाद वे सालों-साल के लिए बिजली के मामले में बिल्कुल निश्चिंत हो सकते हैं और उन्हें हमेशा के लिए निर्बाध और मुफ्त बिजली मिलती रहेगी।
कितने क्षमता के सोलर सिस्टम की पड़ेगी जरूरत?
आज से कुछ समय पहले तक आइसक्रीम फैक्ट्री चला रहे लोगों को 10 किलोवाट के सोलर सिस्टम खरीदने की सलाह दी जाती थी, जिस पर उन्हें करीब 10 लाख का खर्च आता था।
लेकिन आज टेक्नोलॉजी काफी एडवांस हो चुकी है और उन्हें सिर्फ 5 किलोवाट के ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम को खरीदने की जरूरत पड़ेगी, जिस पर करीब 5 से 6 लाख रुपये का खर्च आएगा।
कैसे मिलेगी राहत?
यदि आप अपनी आइसक्रीम फैक्ट्री में सोलर सिस्टम लगाते हैं, तो इससे आपको दिन के समय में सीधे सोलर पैनल से बिजली मिलती रहेगी और रात में पावर बैकअप के लिए आप बैटरी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
यदि आपको अपना बैकअप बढ़ाना है, तो सिर्फ एक या दो बैटरी खरीदने की जरूरत पड़ेगी, न कि सोलर पैनल या इन्वर्टर।
कैसा लें सोलर पैनल?
चूंकि, किसी भी आइसक्रीम फैक्ट्री में जगह ज्यादा नहीं होती है। इसलिए उन्हें Bi Facial सोलर पैनल के बजाय, लूम सोलर के Shark Solar Panel को चुनना चाहिए। इस सोलर पैनल की खासियत यह है कि यह कम धूप में भी आपको पूरी बिजली बनाकर देगा।
कौन सी बैटरी लें?
आप एक विश्वसनीय पावर बैकअप सॉल्यूशन के तौर पर लूम सोलर के CAML 100 बैटरी को खरीदें। यह बैटरी लिथियम ऑयन फॉस्फेट से बनी होती है और क्षमता में यह चार बैटरी के बराबर अकेले है।
इस बैटरी को रखरखाव की कोई जरूरत नहीं पड़ती है। साथ ही, यह बैटरी बैटरी IOT पर आधारित है, जिसे आप अपने मोबाइल या कम्प्यूटर से कहीं से भी आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं।
कौन सा लें इन्वर्टर?
आप अपनी इन्वर्टर की जरूरत को पूरा करने के लिए लूम सोलर के Fusion Inverter को खरीदें। यह भारत का एकमात्र इन्वर्टर है, जो 100 प्रतिशत एफिशिएंट है। बता दें कि अभी देश में जितनी भी कंपनी के इन्वर्टर मिल रहे हैं, वे सभी पुरानी टेक्नोलॉजी वाले हैं और उन पर कुल क्षमता का 70 से 80 फीसदी ही लोड दे सकते हैं।
वहीं, Fusion Inverter बैटरी को सिर्फ 90 मिनट में भी फुल चार्ज कर देता है और MPPT टेक्नोलॉजी से लैस होने के कारण, इसमें ऑटोमेटिक प्रोफाइल सेटिंग का विकल्प होता है, जिससे आपकी जिंदगी काफी आसान हो जाती है।
निष्कर्ष
यदि आप अपने आइसक्रीम फैक्ट्री के लिए सोलर सिस्टम अपनाना चाहते हैं, तो इसके लिए एक इंजीनियर विजिट सबसे जरूरी है। क्योंकि, इसी से यह सही तरीके से पता लग पाएगा कि आपको कितनी बिजली की जरूरत है और इसके लिए आपको कितनी क्षमता के सोलर सिस्टम को खरीदने की जरूरत है।
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