Budget 2023: क्या भारत बनेगा इलेक्ट्रिक व्हीकल का मैन्युफैक्चरिंग हब?

भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट को जारी कर दिया गया है। आज संसद में केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गये इस बजट में सशक्‍त एवं समावेशी अर्थव्‍यवस्‍था को सुनिश्चित करने की नींव रखी गई। इस बजट में यह बात सामने निकलकर आई है कि आज भारत प्रति व्यक्ति आय बीते 9 वर्षों के मुकाबले दोगुनी हो गई है और आज यह आँकड़ा 1.97 लाख रुपये है।

इसके अलावा, कोरोना महामारी और रूस - यूक्रेन युद्ध के कारण आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने के बावजूद आज भारत 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जबकि 9 साल पहले भारते 10वें स्थान पर था।

क्या हैं मुख्य बातें?

इस बजट में समावेशी विकास, अंतिम छोर-अंतिम व्‍यक्ति तक पहुंच, बुनियादी ढांचा और निवेश, निहित क्षमताओं का विस्‍तार, हरित विकास, युवा शक्ति तथा वित्‍तीय क्षेत्र को मजबूती जैसे कई आयामों पर विशेष बल दिया गया है। सरकार ने इन 7 प्राथमिकताओं ‘सप्‍तऋषि’ नाम दिया है।

1.भारत सरकार ने वर्ष 2027 तक देश में 10 मिलियन से भी अधिक Electric Vechiles बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के के लिए बड़े पैमाने पर Lithium Ion बैटरी की जरूरत होगी।
भारत में फिलहाल इसका प्रोडक्शन कम है। इसलिए हमें दूसरे देशों में आश्रित होना पड़ता है। आज के बजट में विदेश से लिथीयम बैटरी को इंपोर्ट करने पर राहत दी गई है। इस फैसले से देश के auto mobile manufacturers अपने मैन्युफ़ैक्चरिंग प्लांट सेटअप कर पाएगें। यह एक ऐसा फैसला है, जिससे 2027-2030 तक इंडिया Electric Vechile Hub बनने के अपने सपने को पूरा कर सकता है।बिजली से संचालित वाहन में लगने वाले लीथियम आयन बैटरी का उत्पादन करने वाले मशीनीरी/कैपिटल गुड्स पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 31.03.2024 तक किया गया।

2. हरित मोबिलिटी को और संवेग प्रदान करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों में प्रयुक्त बैटरियों के लिथियम आयन सेलों के विनिर्माण के लिए आवश्यक पूंजीगत वस्तुओं और मशीनरी के आयात पर सीमा शुल्क में छूट दी जा रही है।

3. विभिन्‍न राज्‍यों से कुशल युवाओं को अंतरराष्‍ट्रीय अवसर उपलब्‍ध कराने के लिए 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्‍थापित किए जाएंगे।

4. युवा उद्यमी ग्रामीण क्षेत्रों में एग्री-स्‍टार्टअप्‍स शुरू कर सकेंइसके लिए कृषि वर्धक निधि की स्‍थापना की जाएगी।

5. पीएम मत्‍स्‍य संपदा योजना की एक नई उप-योजना को 6,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश के साथ शुरू किया जाएगाजिसका उद्देश्‍य मछली पालकोंमत्‍स्‍य विक्रेताओं और सूक्ष्‍म तथा लघु उद्योगों को अधिक सक्षम बनाना है। इससे मूल्‍य श्रृंखला दक्षताओं में सुधार लाया जाएगा तथा बाजार तक पहुंच को बढ़ाया जाएगा।

6. कृषि के लिए डिजिटल जन-अवसंरचना को एग्री-टेक उद्योग और स्‍टार्टअप्‍स को बढ़ावा देने के लिए आवश्‍यक सहयोग प्रदान करने और किसान केन्द्रित समाधान उपलब्‍ध कराने के उद्देश्‍य से तैयार किया जाएगा।

7. स्‍टार्ट-अप्‍स और शिक्षाविदों द्वारा नवाचार और अनुसंधान शुरू करने के लिए राष्‍ट्रीय डाटा शासन नीति लाई जाएगी।

8. नई कर व्यवस्था में निजी आयकर में छूट की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रूपये कर दिया गया है। इस प्रकार नई कर व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक के आय वाले व्यक्तियों को कोई कर का भुगतान नहीं करना होगा।

9. नयी व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था में स्लैबों की संख्या 6 से घटाकर 5 कर दी गई और कर छूट की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रूपये कर दिया गया है। इस नई कर व्यवस्था में सभी कर प्रदाताओं को बहुत बड़ी राहत मिलेगी।

10. स्टार्ट-अप की शेयरधारिता में परिवर्तन पर हानियों के अग्रेनयन के लाभ को निगमन के सात वर्ष से 10 वर्ष तक प्रदान करने का प्रस्ताव।

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क्या सस्ता हुआ है और क्या महंगा?

बता दें कि इस बजट में वस्त्रों और कृषि के अलावा मूल सीमा शुल्क दरों की संख्या को 21 से घटाकर 13 किया गया। इस बजट में कंप्रेस्ड बायो गैस, इलेक्ट्रिक वाहन, भारत में निर्मित मोबाइल, लीथियम आयन बैटरी और इससे संबंधित मशीनरी, स्‍टार्टअप्‍स, आदि को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई प्रकार की छूट दी गई है। वहीं, इस बजट में सरकार ने ऐलान किया है कि 7 लाख रुपये तक की सीमा तक देशवासियों को कोई भी टैक्स नहीं देना होगा।

निष्कर्ष

विशेषज्ञ सरकार द्वारा जारी किये गये इस बजट को काफी संतुलित मान रहे हैं। इस बजट में जलवायु संकट से उभरती चुनौतियों का भी काफी विशेष ध्यान रखा गया है, जिसके हमें काफी दूरगामी लाभ मिलेंगे। बता दें कि सरकार द्वारा कुछ समय पहले  ‘आर्थिक समीक्षा 2022-23’ को जारी किया गया था, जिसमें यह अनुमान जताया गया कि इस वर्ष देश की आर्थिक विकास दर 6.5 – 7.0 प्रतिशत रहेगी।

Source: https://www.pib.gov.in/

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