5 कारण जिसके बजह से लोग है सोलर से परेशान?

कोई भी दो घर, या कोई भी दो परिवार, एक जैसे नहीं होते। लोगों की रहनी-करनी अलग होती है, घर की रचना अलग होती है, आर्थिक स्थिति अलग होती है ... इत्यादि। सौभाग्य से सोलर सिस्टम के चयन में भी अलग ग्राहकों को अलग विकल्प मिलते हैं। पर साथ में यह भी ज़रूरी है कि:

  • सिस्टम का चयन (Selection of Right Products)उपयोग घर की रचना (Proper Installation) और परिवार वालों की रहनी-करनी के अनुरूप हो, और
  • सिस्टम का अच्छा उपयोग (Utilization of Solar Power) कैसे हो यह बात परिवार वाले समझ लें।

इन बातों के बारे में कुछ ज़रूरी जानकारी यहाँ प्रस्तुत है। ये बातें अगर परिवार अच्छी तरह समझ ले तो उसे सोलर सिस्टम लगाने के पूरे अपेक्षित फ़ायदे मिल सकते हैं

#1. सोलर बिजली के उत्पादन का समय

सोलर बिजली के उत्पादन का समय

भारत में औसतन साल के कुछ 300 दिन सोलर पैनलों पर अच्छी धूप पड़ती है, और यह धूप पड़ती है मध्यान्ह के आस-पास के 5-6 घंटों में। इससे यह बात तो बिलकुल स्पष्ट होती है कि सोलर सिस्टम से मिलती हुई बिजली का इन्हीं घंटों में या तो उपयोग किया जाय या तो संग्रह किया जाय

अगर इन घंटों में मिलती हुई बिजली का उपयोग या संग्रह नहीं हुआ, तो फिर उस दिन की वह बिजली व्यर्थ गई। अगर एक यूनिट बिजली की कीमत 7 रुपये है, और 3 यूनिट बिजली ऐसे व्यर्थ गई, तो उस बिजली का रुपयों में मूल्य हुआ 21 रुपये

उदाहरण: मान लीजिए कि आप के घर में 3 घंटे पाइप से पानी आता है तो ज़रूर आप उन्हीं घंटों में या तो पानी का उपयोग करेंगे या तो उसे टंकी में भरेंगे। ठीक उसी तरह धूप के घंटों में या तो बिजली का उपयोग कीजिए या तो उसका संग्रह कीजिए।

बीजिली का संग्रह बैटरी में किया जाता है। जैसे पानी की टंकी की क्षमता लीटर में नापी जाती है, वैसे बैटरी की क्षमता ऐम्पियर-आवर (ampere-hour, Ah) में नापी जाती है।

#2. सोलर बिजली से घरेलू उपकरणों के उपयोग का समय

solar panel usages

घर के कोई उपकरण ऐसे होते हैं जिनको चलाने का समय हमारे हाथ में होता है – जैसे कि पानी की टंकी भरने का पंप, या तो कपड़े धोने की मशीन। अगर ऐसे उपकरण दोपहर के घंटों (11 AM to 3 PM) में चलाए जाएँ, तो उत्पन्न होती हुई सोलर बिजली का वहीं उपयोग हो जाता है। अँग्रेजी में कहते हैं: Make Hay While the Sun Shines। ऐसे उपकरणों का जितना हो सके दोपहर के घंटों में सोलर बिजली से उपयोग कीजिए।

जो उपकरण कम बिजली लेते हैं – जैसे कि LED बल्ब या फोनलैपटॉप के चार्जर – उनके बारे में इतनी सावधानी लेना मुश्किल भी होता है, और वह ज़रूरी भी नहीं है।

पर यह भी अक्सर होगा कि आपने उन घंटों में पैदा हुई सोलर बिजली का पूरा उपयोग नहीं किया, सिर्फ कुछ अंश तक ही किया। तो बिजली की ऊर्जा का संग्रह करने के लिए बैटरी का लगाना ज़रूरी है।

बैटरी लगाने से यह होगा कि दिन में बैटरी ऊर्जा का संग्रह करेगी – याने कि वह चार्ज होगी और सूर्यास्त के बाद आप उस ऊर्जा का उपयोग कर सकेंगे, जब तक अगले दिन का चार्जिंग शुरू ना हो।

उपकरण कितनी बिजली लेते हैं?

  • आज के प्रचलित LED बल्ब: 5 से 15 वॉट
  • बिजली के सामान्य पंखे: 50 वॉट के आस-पास
  • फ्रिज: 100 से 400 वॉट (साइज़ के अनुसार)
  • TV: 50 से 200 वॉट (साइज़ के अनुसार)
  • पानी का घरेलू पंप: 200 से 500 वॉट (साइज़ के अनुसार)
  • वॉशिंग मशीन: 250 वॉट के आस-पास पर इस मशीन की मोटर सिर्फ बीच-बीच में ही चलती है। लगातार पूरे wash cycle के दरमियान वह मशीन इतनी बिजली नहीं लेती।
  • पानी गरम करने की छोटी केटल, मिक्सी: 250-350 वॉट के आस-पास
  • इस्त्री: 750 वॉट के आस-पास
  • रसोई के बीजली के अन्य उपकरण (जैसे अवन, इंडक्शन स्टोव): १००० से लेकर ३००० वॉट (याने कि 1 KW से 4 KW)
  • AC यूनिट: 1.25 KW या उससे ज़्यादा (टनेज के अनुसार)

 

इन उपकरणों के साथ आप की रहनी-करनी से यह तय होगा कि आप कितनी क्षमता की सोलर पैनल और बैटरी घर में लगवाएंगे। जो उपकरण नीले रंग में दिखाए गए हैं, वे ज़्यादा बिजली लेते हैं, और इसी कारण से उनके ऊपर खास ध्यान देना पड़ता है। हम तो कहेंगे कि इन उपकरणों को सीधा ग्रिड से जोड़ना एक बहुत अच्छा विकल्प है, याने कि इन्हें सोलर बिजली दें ही नहीं।

#3. बिजली का भी एक सरल सा बजट बन सकता है

जैसे हम पैसों की आमदनी और खर्च का हिसाब रखते हैं, थोड़ा-बहुत वैसे ही सोलर बिजली के उत्पादन और उपयोग का ध्यान रखना भी हितावह है। इस से यह होगा की बहुत कम बीजली व्यर्थ जाएगी, और आपको सोलर सिस्टम में की हुई लागत का अच्छा फ़ायदा मिलेगा।

बिजली का भी एक सरल सा बजट बन सकता है

शुरू में शायद आप को लगे कि कौन इस झंझट में पड़े? क्या पहले से जीवन में झंझट कम हैं?

पर आपके सोलर सिस्टम लगाने वाले इंजीनियर ज़रूर आपको एक सरल सा बजट बनाके दिखाएंगे। कौन सा उपकरण कितने घंटे चलेगा उसका भी बजट में हिसाब लेना होता है?

#4. घर के पुराने उपकरण को धिरे - धिरे बदले 

घर के वैसे उपकरण जो ज्यादा बिजली खप्त करती है उसको अपने जरूत के अनुसार धिरे - धिरे बदलकर नये टेक्नोलॉजी के उपकरण लगा ले.  उदाहरण के लिए, यदि आपके यहाँ बहुत बड़ी रेफ्रीजिरेटर है जो ज्यादा बिजली खप्त करता है आप नये टेक्नोलॉजी के रेफ्रीजिरेटर (4 star और 5 star) जो पुरे साल में मात्र 150 यूनिट्स ही खप्त करता है.

#5. घर में Energy Efficient Window लगाबाये

यदि आप नयी घर बनबा रहे है तो अपने घर को ऐसा बनाबये जहाँ पर ज्यादा दिन के समय रोशनी और आये जिससे पूरी दिन लाइट का कंसम्पशन की बचत हो.

आसन में समझने के लिए ये विडियो देखें 

इससे आगे हम तो यह भी कहेंगे कि यह काम आप नई पीढ़ी को सोंप दीजिए। बच्चे और नौजवान ज़्यादा उत्साह और लगन से यह काम भी करेंगे, और साथ-साथ इंजीन्यरिंग का कुछ कीमती व्यावहारिक ज्ञान भी प्राप्त करेंगे। याने कि सोने पर सुहागा।

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