घर के लिए सोलर सिस्टम या सोलर पैनल "Solar Panel for Home"

आज पूरे देश में सोलर एनर्जी (Solar Energy) का मार्केट काफी बढ़ गया है। ऐसे में किसी भी कस्टमर के लिए सोलर सिस्टम (Solar System) और उसके अलग-अलग पार्ट्स के बारे में जानना जरूरी है। आज के इस ब्लॉग में हम आपको इसी विषय में बताने जा रहे हैं। कई लोग केवल सोलर पैनल (Solar Panel) को ही लगाने को सोलर सिस्टम मान लेते हैं, लेकिन बता दें कि आज के समय में सोलर सिस्टम (Solar System) सोलर पैनल, सोलर इंवर्टर और बैटरी, आदि का एक पूरा सेट होता है।

इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि सोलर सिस्टम क्या है और इसे लगाने में खर्च कितना आएगा? आज के समय में सोलर लगाने के फायदे क्या हैं? सोलर में इंंवेस्ट कर आप कैसे अधिक कमाई कर सकते हैं? सोलर सिस्टम की रेंज क्या है और 1 किलोवाट के सोलर सिस्टम को लगाने से आपको कितनी बिजली मिलेगी और इससे आपका कितना बिजली बिल बचेगा? सोलर सिस्टम लगा कर आप अपने घर में क्या - क्या उपकरण चला सकते हैं?

सोलर सिस्टम क्या होता है? (What is a Solar System)

बता दें कि सोलर सिस्टम (Solar System) एक ऐसा सिस्टम होता है, जो धूप से एनर्जी को ऑब्जर्व कर उसे इलेक्ट्रिक एनर्जी (Electric Energy) में बदल देता है। इस बिजली का इस्तेमाल आप अपने घर के सभी कामों में ला सकते हैं, जैसे कि पानी का मोटर चलाना, एसी चलाना, पंखा चलाना, मोबाइल चार्ज करना, आदि। बता दें कि एक सोलर सिस्टम में सोलर पैनल (Solar Panel), सोलर बैटरी (Solar Battery), सोलर इंवर्टर (Solar Inverter) और पैनल स्टैंड (Panel Stand) जैसे कई पार्ट्स होते हैं। बता दें कि इसमें से हर एक कंपोनेंट  Balancing Of System (BOS) के लिए जरूरी है।

बता दें कि आज के समय में लोग अपने घरों में 1 किलोवाट से लेकर 5 किलोवाट या 10 किलोवाट तक का रूफटॉप सोलर सिस्टम (Rooftop Solar System) अपनी जरूरत और जगह को देखते हुए लगाते हैं। वहीं, यदि उन्हें सोलर को किसी कमर्शियल या इंडस्ट्रियल स्पेस में लगाना है, तो यह 10 किलोवाट से लेकर 100 किलोवाट तक का काफी आराम से होता है। ये ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम (On Grid Solar System) भी हो सकते हैं और ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम (Off Grid Solar System) या हाइब्रिड सोलर सिस्टम (Hybrid Solar System) भी।

सौर ऊर्जा क्या होता है? (What is Solar Energy)

बता दें कि एनर्जी के दो सोर्स होते हैं - Conventional energy और Renewable energy। Conventional energy की बात करें, तो इसमें कोयला, नैचुरल गैस, तेल, जैसे स्त्रोत होते हैं, तो वहीं, Renewable energy में विंड पावर, सोलर एनर्जी, वाटर एनर्जी, आदि जैसे स्त्रोत होते हैं। और, आज के समय में जलवायु संकट को देखते हुए, पूरी दुनिया में Renewable energy की माँग काफी तेजी से बढ़ती जा रही है। सोलर एनर्जी (Solar Energy) ऊर्जा की एक ऐसी ही असीमित स्त्रोत है, जिसमें धूप को एक टेक्नोलॉजी की मदद से इलेक्ट्रिक एनर्जी में बदला जाता है। बता दें कि आज के समय में भारत में साल के 365 दिनों में से 300 दिनों तक काफी अच्छी धूप मिलती है। इसी वजह से भारत में सोलर एनर्जी को लेकर अक्षय ऊर्जा (Clean & Green Energy) को लेकर सबसे अधिक संभावनाएं हैं। बता दें कि आज धूप से बिजली बनाने के लिए  Photovoltaic Panel, Solar Heater, Silicon आदि जैसे कई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है।

सोलर एनर्जी से बिजली कैसे बनाते हैं?

बता दें कि सोलर एनर्जी को बनाने के लिए एक स्पेशल टेक्नोलॉजी से बने सोलर पैनल (Solar Panel) को धूप में रखा जाता है। सोलर पैनल से जब धूप यानी फोटोन टकराता है, तो इससे फोटो इलेक्ट्रिक प्रभाव (Photo Electric) जेनरेट होता है और इससे इलेक्ट्रॉन फ्लो होने लगता है। बता दें कि कोई भी सोलर पैनल डीसी यानी Direct Current बनाता है और इसे एक सोलर इंवर्टर की मदद से ऑल्टरनेटिंग करेंट (Alternating Current) में बदल दिया जाता है। इसके बाद, आप इस बिजली का इस्तेमाल अपने उपकरणों को चलाने के लिए कहीं भी आराम से कर सकते हैं। आइये नीचे जानते हैं सोलर सिस्टम के अलग-अलग पार्ट्स के बारे में

क्या होता है ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम, ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम और हाइब्रिड सोलर सिस्टम?

बता दें कि ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम (On Grid Solar System) सीधे पावर ग्रिड से जुड़े होते हैं। यह आपको नेट मीटर की मदद से बिजली प्रदान करता है। इसे लगा कर आप अपने महीने के अंत में आने वाले बिजली बिल को कंट्रोल कर सकते हैं। वहीं, ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम (Off Grid Solar System) लगाने से आप बिजली के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जाएंगे। बता दें कि इसमें आपको सोलर पैनल के साथ सोलर इंवर्टर और सोलर बैटरी की भी जरूरत होती है। वहीं, हाइब्रिड सोलर सिस्टम (Hybrid Solar System) एक ऐसा सोलर सिस्टम होता है, जो बैटरी और ग्रिड दोनों से चल सकता है।

सोलर सिस्टम की कीमत कितनी होती है? (Price of Solar Systems)

बता दें कि किसी भी सोलर सिस्टम की कीमत पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करती है कि वह किस ब्रांड, रेटिंग, एफिशिएंसी रेट, कैपेसिटी, आदि का है। आज के समय में यदि आप ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम (On Grid Solar System) खरीदते हैं, तो इस पर आपको प्रति किलोवाट 50 हजार से लेकर 60 हजार रुपये का खर्च आता है। वहीं, ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम (Off Grid Solar System) लेते हैं, तो आपको प्रति किलोवाट औसत रूप से 1 लाख रुपये का खर्च आता है।

वहीं, यदि आप बात करें सोलर पैनलों की कीमत के बारे में तो, बता दें कि आज के समय में मार्केट में 10 वाट से लेकर 550 वाट तक के सोलर पैनल्स उपलब्ध हैं, जिनकी कीमत लगभग 1000 रुपये से शुरू होती है और 25 हजार रुपये तक जाती है।सोलर सिस्टम की पूरी जानकारी यहाँ पढ़े: https://www.loomsolar.com/blogs/pricelist

1. सोलर पैनल (Solar Panel)

बता दें कि सोलर पैनल एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जो धूप से मिलने वाली एनर्जी को इलेक्ट्रिक एनर्जी में बदल देते हैं। बता दें कि सोलर पैनल को फोटोवोल्टिक सेल्स (Photovoltaic Cells) से बनाया जाता है, जिसके लिए ज्यादातर सिलिकॉन के लेयर्स का इस्तेमाल किया जाता है।

यदि आप अपने घर में बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए सोलर पैनल लगाना चाहते हैं, तो इसका चयन आप अपनी जगह और जरूरतों को देखते हुए कर सकते हैं। जैसे कि यदि आप केवल मोबाइल चार्जिंग (Mobile Charging) और लाइटिंग के लिए सोलर पैनल की तलाश कर रहे हैं, तो आप आराम से 10 से 20 वाट का सोलर पैनल लगा सकते हैं। वहीं, यदि आपको अपने घर में 3-4 पंखे और करीब 10 लाइट जलाने के लिए सोलर पैनल चाहिए, तो आप अपने यहाँ  1 किलोवाट का सोलर पैनल (1kW Solar Panel) लगा सकते हैं।

वहीं, यदि आप अपने घर में पानी का मोटर चलाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको कम से कम 3 किलोवाट का सोलर लगाना होगा। वहीं, यदि आप एसी जैसी किसी भारी मशीन को चलाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको कम से कम 5 किलोवाट का सोलर लगाना होगा।

बता दें कि आप सोलर का सेलेक्शन इस प्रकार से भी कर सकते हैं कि आपके घर में हर महीने बिजली बिल कितना आता है। जैसे कि यदि आपके महीने का बिजली बिल 1 हजार रुपये है, तो ऐसे में आप 1 किलोवाट का सोलर लगा सकते हैं और यदि 3 हजार से लेकर 5 हजार रुपये है, तो आप 3 किलोवाट से लेकर 5 किलोवाट तक के सोलर को लगा सकते हैं। इससे आप बिजली के मामले में सालों साल के लिए लगभग आत्मनिर्भर हो जाएंगे।

सोलर पैनलों के प्रकार (Types of Solar Panel)

बता दें कि आप अपने घर में एक सिंगल सोलर पैनल को सीरीज कर, अपनी जरूरत के हिसाब से कितनी भी कैपसिटी के सोलर सिस्टम को लगा सकते हैं। जैसे कि यदि आपको 1.5 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाना है, तो आप 550 वाट के 3 सोलर पैनल को खरीद सकते हैं। बता दें कि सोलर पैनल (Solar Panel) किसी भी सोलर सिस्टम का सबसे मुख्य पार्ट होता है। वहीं, इसकी कीमत पूरे सोलर सिस्टम के लगभग 40% के बराबर होता है।

बता दें कि भारतीय बाजार में पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल (Polycrystalline Solar Panel), मोनोक्रिस्टलाइन (Monocrystalline Solar Panel), बाय - फेसियल सोलर पैनल (By-facial Solar Panel) जैसे 3 प्रकार के सोलर पैनल्स होते हैं।

पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल (Polycrystalline Solar Panel) - बता दें कि यह एक पुरानी टेक्नोलॉजी है। यह सोलर पैनल अपेक्षाकृत रूप से थोड़ा सस्ता होता है, लेकिन बादल होने या मौसम खराब होने की स्थिति में यह ठीक से बिजली जेनरेट नहीं कर पाता है।

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल (Monocrystalline Solar Panel) - बता दें कि यह एक लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का सोलर पैनल है और यह जल्दी खराब नहीं होता है। बता दें कि इस सोलर पैनल को लगाने के बाद, आपको आसमान में बादल छाए रखने के बावजूद पूरी बिजली मिलती रहेगी। इस सोलर पैनल को बनाने के लिए प्योर सिलिकॉन क्रिस्टल का इस्तेमाल किया जाता है। इसी वजह से इसकी एफिशिएंसी रेट काफी अधिक होती है।

बाय - फेसियल सोलर पैनल (By-facial Solar Panel) - इन दोनों के अलावा, आज के समय में बाजार में बाय - फेसियल सोलर पैनल (By-facial Solar Panel) सोलर पैनल भी उपलब्ध है, जो आपको दोनों साइड से बिजली बना कर देता है। इस वजह से आपको कम ही स्पेस में पूरी बिजली मिल जाती है।

नीचे टेबल में जानें अलग-अलग प्रकार के सोलर पैनल्स की कीमत के बारे में -

यदि बात करे 1kW सोलर पैनल (Cost of 1kW Solar Panel) की कीमत की तो इसकी कीमत लगभग 33,000 रुपये से लेकर 40,000 रुपये तक मिलता है, ये निर्भर करता है सोलर पैनल की Technology, Quantity, Quality, Brand और उसके Service पर निर्भर करता है. यदि बात करे सौर उर्जा प्लेट पर वाट की कीमत की तो आपको 35 रुपये से लेकर 105 रुपये तक मार्केट में उपलब्ध है. 

       सोलर पैनल्स माडल       सेल्लिंग प्राइस               प्राइस/वाट
10W ₹ 1,050  ₹ 105
20W ₹ 1,650  ₹ 82.5
55W ₹ 3,050  ₹ 55.45
225W ₹ 11,225  ₹ 49.88
450W ₹ 16,750  ₹ 37.22
Shark 455W
₹ 14,500
₹ 31.86
SHARK 550W
₹ 17,500
₹ 31.81
SHARK 575W ₹ 20,500 ₹ 35.65

2. सोलर इनवर्टर (Solar Inverter)

सोलर इंवर्टर, किसी भी सोलर सिस्टम में सोलर पैनल के बाद दूसरा सबसे बड़ा पार्ट है। जैसा कि कोई भी सोलर पैनल धूप से डीसी करंट को बनाता है और हमें घर के उपकरणों को चलाने के लिए एसी करंट की जरूरत होती है। ऐसे में, सोलर इंवर्टर सोलर पैनल से मिलने वाले डीसी करंट को एसी करंट में बदलने का काम करता है। बता दें कि आज के समय में सोलर इंवर्टर की कीमत पूरे सोलर सिस्टम पर आने वाले खर्च की लगभग 25% होती है।

      सोलर इन्वर्टर माडल       सेल्लिंग प्राइस               प्राइस/वाट
750 VA/12V ₹ 750  ₹ 75
1100 VA/12V ₹ 1300  ₹ 65
1400 VA/12V ₹ 1900  ₹ 47
1800 VA/24V ₹ 2400  ₹ 48
2.5 KVA/48V ₹ 4000  ₹ 53
3.7 KVA/48V ₹ 6000  ₹ 48
7.5 KVA/96V ₹ 7500  ₹ 41
9.5 KVA / 96V ₹ 11500  ₹ 34
12.5 KVA / 96V ₹ 13000  ₹ 34


3. सोलर बैटरी (Solar Battery)

किसी भी सोलर पैनल से जेनरेट होने वाली बिजली को स्टोर करने के लिए हमें सोलर बैटरी की जरूरत होती है। बता दें कि सोलर बैटरी लगाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे आपको रात के समय में भी बिजली मिलती रहेगी, जब सोलर पैनल धूप न मिलने के कारण बिजली बनाना बंद कर देते हैं।

बता दें कि बैटरी का इस्तेमाल ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम (Off Grid Solar System) में होता है। आज के समय में बाजार में ग्राहकों के सामने सोलर के लिए Normal Battery का भी ऑप्शन है और  Lithium Ion Battery का भी।

जैसे कि यदि आपको केवल कुछ लाइट और पंखा चलाने के लिए बैटरी खरीदना है, तो ऐसे में आप 150Ah की एक Normal Battery को भी खरीद सकते हैं। वहीं, यदि आपको अपने घर में 4 बैटरी से अधिक की जरूरत है, तो ऐसे में आप लूम सोलर के लिथियम ऑयन बैटरी (Loom Solar Lithium Ion Battery) को खरीद सकते हैं, जो 4 बैटरी के बराबर अकेले होता है।

बता दें कि Lithium Ion Battery को खरीदने के सबसे बड़े फायदे यह हैं कि इसे रखरखाव की कोई जरूरत नहीं होती है। साथ ही, इसे चार्ज होने में कम समय लगने के अलावा, जगह की भी जरूरत काफी कम होती है।

यदि आप 150AH की बैटरी ले रहे हैं, तो इसकी कीमत वारंटी और ब्रांड आदि के आधार पर अलग - अलग हो सकती है। जैसे कि यदि आप 3 वर्ष वाली वारंटी वाली किसी नॉर्मल बैटरी को खरीदते हैं, तो इस पर आपको करीब 15 हजार रुपये का खर्च आएगा। वहीं, यदि 5 साल वारंटी वाली खरीदते हैं, तो लगभग 18 हजार का।

वहीं, यदि आप अत्याधुनिक तकनीकों से लैस Lithium Ion Battery को खरीदते हैं, तो इस पर आपको प्रति किलोवाट करीब 30 हजार रुपये खर्च करने होंगे।

4. सोलर पैनल ढांचा (Solar Panel Stand)

किसी भी सोलर पैनल को अपने छत, खेत या किसी अन्य खाली जगह में इंस्टाल करने के लिए सही सोलर स्टैंड (Solar Stand) का सेलेक्शन जरूरी है, तो तेज हवा या बारिश के दौरान सोलर पैनल आसानी से गिर कर टूट सकते हैं।

हमें सोलर सिस्टम की जरूरत क्यों है?

जैसा कि आज पूरी दुनिया में लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल काफी तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन, पावर स्टेशन में बिजली बनाने के लिए आज भी ट्रेडिशनल रूप से कोयले का ही इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, यह एक जगजाहिर तथ्य है कि आज धरती पर कोयले की मात्रा काफी सीमित है और इससे खनन से प्राकृतिक को काफी नुकसान हो रहा है। वहीं, कोयले के जलने से वातावरण भी काफी प्रदूषित होता है। ऐसे में इन समस्याओं से निपटने के लिए सोलर एनर्जी (Solar Energy) के इस्तेमाल को बढ़ावा देना सबसे बेहतरीन उपाय है, क्योंकि यह क्लीन एनर्जी का एक असीमित स्त्रोत है। सोलर लगाने के कई अन्य फायदे भी हैं, आइये नीचे जानते हैं -

1. निवेश के अवसर (Investment Opportunity) –

निवेश के अवसर

यदि आपके पास अपनी कोई सेविंग है, तो आप हमेशा इसे किसी ऐसे जगह पर इंवेस्ट करना चाहते हैं, जहाँ आपको सबसे ज्यादा रिटर्न मिले। सोलर आपके लिए एक वैसा ही ऑप्शन है।

बता दें कि आज के समय में यदि आपको अपने पैसे को इंवेस्ट करना हो, तो अधिकांश लोग शेयर मार्केट, फिक्स्ड डिपॉजिट, इश्योरेंस, म्यूच्यूअल फंड, आदि की ओर देखते हैं। जहाँ आपको अधिकतम 5 से 10 प्रतिशत के रिटर्न मिलता है। लेकिन, सोलर में आपको प्रति वर्ष लगभग 20% रिर्टन मिलता है और आपको अपना Return on Investment 3 से 5 वर्ष में ही हासिल हो जाएगा। बता दें कि सोलर एक ऐसा एसेट है, जिसकी वैल्यू इंस्टालेशन के बाद 25 से 30 वर्षों तक काफी आसानी से बनी रहती है। आप Commercial, Residential, Agriculture या Industrial Sector में कहीं भी Solar लगा सकते हैं।

बता दें कि आपको 1 किलोवाट के सोलर सिस्टम से एक साल में कम से कम 1500 यूनिट बिजली काफी आराम से बनती है और वर्तमान बिजली बिल को देखते हुए, इस पर आपको करीब 12 हजार से 18 हजार का खर्च आएगा। ऐसे में, यदि आप अपने यहाँ सोलर सिस्टम लगा लेते हैं, तो आप प्रति किलोवाट 1000 रुपये की बचत काफी आराम से कर सकते हैं और इससे आपके बेकार पड़े छत का भी एक बेहतरीन इस्तेमाल हो जाएगा।

सोलर सिस्टम लगाने के कई फायदे हैं, जैसे कि -

  1. बिजली बिल की बजत
  2. सरकारी बिजली पर निर्भरता में कमी
  3. पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा
  4. बेहतर रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट

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2. बिजली का बिल कम करने के लिए (Reduce Electricity Bill)

बिजली का बिल कम करने के लिए

सोलर सिस्टम का मुख्य फायदा है इससे हम हर महीने आने वाले बिजली के बिल से छुटकारा पा सकते हैं और उन पैसों को दूसरे कामों में ले सकते हैं| एक सामान्य घर का बिजली का बिल सालाना ₹60000 होता है और हमें मेहनत और कठिन परिश्रम से कमाए हुए रुपए से यह चुकाना होता है यदि हम सोलर सिस्टम लगा ले तो इन रुपए को हम बचा सकते हैं|

3. बिजली संग्रहण के लिए (Power Backup)

बिजली संग्रहण के लिए

आज भी भारत में ऐसे कई स्थान है जहां पर सही तरीके से बिजली नहीं पहुंच पाई है और वहां के लोग डीजल जनरेटर का प्रयोग करते हैं जिससे काफी ज्यादा प्रदूषण होता है और उन्हें बार-बार डीजल खरीद कर लाना पड़ता है यदि उन स्थानों पर सोलर सिस्टम लगा दिया जाए तो एक ही बार में बार-बार के डीजल खरीदने से छुटकारा मिल जाएगा और प्रदूषण भी नहीं होगा| इसलिए सोलर बिजली संग्रहण के लिए भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है|

सोलर के बारे में कल्पित तथ्य या Myths:-

1. क्या सोलर कश्मीर और हिमाचल में काम करेगा?

solar system in Hindi

बिल्कुल। सोलर सिस्टम एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसे बिजली बनाने के लिए केवल धूप की जरूरत होती है और यदि आप किसी ठंडे प्रदेश में भी इंस्टॉल करेंगे, तो आपको पूरी बिजली मिलेगी। हालांकि, हिमाचल और जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों में भारी बर्फबारी भी पड़ती है। फिर भी, आपको इन राज्यों में साल के 200 से 250 दिनों तक सोलर से अच्छी बिजली मिलेगी।

सोलर सिस्टम की श्रेणी और इससे कितनी बिजली उत्पन्न कर सकते हैं?

सोलर सिस्टम की श्रेणी

बता दें कि सोलर सिस्टम के इस्तेमाल को देखते हुए, इसे अलग - अलग कैटेगरी में बाँटा गया है। आज के समय में सोलर को आप घर, स्कूल, कॉलेज से लेकर एयर पोर्ट तक में काफी आराम से देख सकते हैं। आइये जानते हैं, इसकी कैटेगरी के बारे में -

1 से 10 किलोवाट - 1 से 10 किलो वाट तक के सोलर सिस्टम को रेसीडेंसियल कैटेगरी में गिना जाता है और इसके लिए सरकार द्वारा आपको सोलर सब्सिडी भी मिलती है।

10 किलोवाट से ज्यादा - इस श्रेणी के सोलर सिस्टम को कमर्शियल कैटेगरी में गिना जाता है और यहाँ आपको सरकार द्वारा कोई भी सब्सिडी नहीं मिलती है।

इंडिया में सोलर सिस्टम की कीमतें

इंडिया में ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम (On Grid Solar System) लगभग 80,000 रुपए में उपलब्ध है और ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम (Off Grid Solar System) 95,000 रुपए में उपलब्ध है| निचे दिये गये सोलर सिस्टम की कीमत में Product की Delivery आपके घर तक, सिस्टम का इंस्टालेशन करना सभी जुड़ा हुआ है. 

पावर प्लांट ऑफ ग्रिड ऑन ग्रिड
500 Watts ₹ 50,000 ₹ 28,000
1 kW ₹ 95,000 ₹ 80,000
2 kW ₹ 199,000 ₹ 160,000
3 kW ₹ 285,000 ₹ 240,000
5 kW ₹ 485,000 ₹ 400,000
7 kW ₹ 665,000 ₹ 560,000
10 kW ₹ 950,000 ₹ 800,000

 

सोलर सिस्टम की पूरी जानकारी यहाँ पढ़े: https://www.loomsolar.com/blogs/pricelist

इंडिया में सोलर सिस्टम पर सब्सिडी (Subsidy on Solar System in India)

आज के समय में सरकार द्वारा सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए रूफटॉप सोलर योजना (Rooftop Solar Scheme) को शुरू किया गया है। यहाँ आपको रेसीडेंसियल सेक्टर के लिए 1 से 10 किलोवाट के सोलर सिस्टम पर 40 प्रतिशत की सब्सिडी मिलती है।

बता दें कि  यहाँ आपको 3 किलोवाट के सोलर सिस्टम के लिए आपको करीब 73 हजार रुपये, 5 किलोवाट के सिस्टम के लिए करीब 88 हजार रुपये और 10 किलोवाट के सिस्टम के लिए करीब 1.25 लाख रुपये सब्सिडी के रूप में मिलती है। इसके अलावा, आप यहाँ कई प्रकार की Loan Facility का भी लाभ उठा सकते हैं। इस प्रकार, अपने यहाँ सोलर सिस्टम लगाने से आप खुद को बिजली के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बना सकते हैं और हर महीने हजारों के बिजली बिल को बचा सकते हैं। यदि आप सोलर सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको सबसे पहले अपने एरिया के डिस्कॉम में आवेदन करना होगा। यहाँ आपको अपनी Feasibility Report भी सबमिट करनी पड़ती है। बता दें कि आज के समय में भारत में सोलर सब्सिडी हासिल करना काफी लंबी और कठिन प्रक्रिया है।

सोलर सब्सिडी की पूरी जानकारी यहाँ पढ़े: https://www.loomsolar.com/blogs/subsidy

घरेलू सोलर योजना - Solar Subsidy Scheme

आज के समय में पूरे देश में बिजली की किल्लत (Power Crisis in India) की समस्या काफी बढ़ गई है। यही कारण है कि आज लोगों ने बड़े पैमाने पर Solar System को अपनाना शुरू कर दिया है। सरकार द्वारा भी लोगों को Solar Energy के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए कई Rooftop Solar Scheme को शुरू किया गया है, जहाँ आपको 3 किलोवाट के सोलर सिस्टम के लिए आपको करीब 73 हजार रुपये, 5 किलोवाट के सिस्टम के लिए करीब 88 हजार रुपये और 10 किलोवाट के सिस्टम के लिए करीब 1.25 लाख रुपये सब्सिडी के रूप में मिलते हैं। इसके अलावा, आप यहाँ कई प्रकार की Loan Facility का भी लाभ उठा सकते हैं। इस प्रकार, अपने यहाँ सोलर सिस्टम लगाने से आप खुद को बिजली के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बना सकते हैं और हर महीने हजारों के बिजली बिल को बचा सकते हैं।

सोलर सब्सिडी की पूरी जानकारी यहाँ पढ़े: https://www.loomsolar.com/blogs/subsidy

क्या मिलेगा सोलर लोन?

जी हाँ। आज के समय में मार्केट में कार लोन (Car Loan) और होम लोन (Home Loan) की तरह सोलर लोन (Solar Loan) लेना भी काफी आसान हो गया है। आज इसे 20 प्रतिशत के Down Payment के साथ काफी आसानी से उठा सकते हैं। यहाँ आपको No Cost EMI का विकल्प भी मिलेगा। बता दें कि इसे ऑनलाइन अमेजन और फ्लिपकॉर्ट जैसे ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ खरीद सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें - https://loan.loomsolar.com/

राजस्थान में सोलर सिस्टम की कीमत - Rooftop Solar System Price in Rajasthan

राजस्थान भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक है। इस राज्य में पूरे देश में सबसे अधिक धूप पड़ती है। यही कारण है कि यह Solar System Installation के लिए सबसे उपयुक्त जगहों में से एक है। बता दें कि राजस्थान (Solar in Jaipur, Rajasthan) में लोगों के लिए बिजली की सुविधा हमेशा रहती है और यहाँ का तापमान भी काफी अधिक रहता है। ऐसे में, वे अपने घर और ऑफिसों में बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए Grid Connected Solar System को अपना सकते हैं और महीने के अंत में आने वाले बिजली बिल को काफी हद तक कम कर सकते हैं।

बता दें कि यदि आप 1 किलोवाट के Grid Connected Solar System को लगाते हैं, तो यहाँ आपको करीब 65 हजार रुपये का खर्च आता है। इसके लिए आपको सबसे पहले बिजली विभाग से परमिशन लेनी पड़ती है। इस परमिशन के लिए सरकार द्वारा Single Window Portal की सुविधा दी गई है। इसके लिए आप https://solarrooftop.gov.in/ पर आवेदन कर सकते हैं।

200 वाट के सोलर पैनल की कीमत (200W Solar Panel Price)

यदि आपके पास 80 AH की बैटरी है या पहले की पुरानी बैटरी है, तो आप इसके लिए 200 वाट के सोलर पैनल को खरीद सकते हैं। इससे आप लाइट, फैन, टीवी, आदि जैसी बिजली की छोटी जरूरतों को काफी आराम से पूरा कर सकते हैं। बता दें कि आज के समय में 200 वाट के सोलर पैनल की कीमत करीब 7 हजार रुपये है। वहीं, यदि आप इसे Mono Perc Technology में खरीदते हैं, तो आपको करीब 10500 रुपये का खर्च आएगा। मोनो पर्क सोलर पैनल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपको कम धूप या Cloudy Weather में भी पूरी बिजली बना कर देगा।

क्या आप भी सोलर बेचना चाहते हैं?

solar panel for sale

यदि आप अपने यहाँ सोलर सिस्टम लगा कर खुद को बिजली के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं, तो अभी हमसे संपर्क करें। हमारे इंजीनियर आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। बता दें कि लूम सोलर इंडिया की नंबर 1 सोलर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है, जो अत्याधुनिक तकनीकों से लैस सोलर प्रोडक्ट्स को बनाने के लिए जानी जाती है। साथ ही, हम आपको देश के हर एक हिस्से में साइट सर्वे की फैसलिटी भी देते हैं। 

बता दें कि आप हमारे साथ एक डीलर या डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में भी जुड़ सकते हैं और हर महीने के अच्छी कमाई कर सकते हैं। इस विषय में अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें - https://business.loomsolar.com/

देखिये जरूर

इस विडियो में बताया गया है की सोलर सिस्टम क्या है ज्यातर उपभोक्ता सोलर पैनल को ही पूरा सोलर सिस्टम समझते है तो इन सभी बातो पर इस विडियो में चर्चा की गयी है इसी के साथ साथ केसे हम सोलर सिस्टम से रूपये कमा सकते साथ ही| 1kw सोलर सिस्टम से हम कितनी बिजली उत्पन कर सकते है|

भारत के सोलर कंपनियां

भारत में कई सारी सोलर निर्माता कंपनी है जो काफी बढ़िया काम कर रही है लेकिन आज हम जानेंगे भारतीय सोलर कंपनियों के बारे में और वह किन किन बागों में काम करती है|

1. लूम सोलर (Loom Solar)

loom solar

मुख्य –  ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम

लूम सोलर ऑनलाइन बाजार की तेजी से बढ़ने वाली एक कंपनी है जो काफी अच्छा काम कर रही है इसका मुख्यालय फरीदाबाद हरियाणा में है| लूम सोलर अपने मोनोक्रिस्टलाइन के लिए जानी जाती है जो काफी आधुनिक तकनीक पर बना हुआ है इसी के साथ साथ यह कंपनी मात्र 3 दिन के अंदर सोलर सिस्टम को पूरे इंडिया में वितरण या डिलीवर करती है| लूम सोलर भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कंपनी है जो आसानी से ग्राहकों को सब्सिडी प्रदान करती है और नेट मीटर भी लगा कर देती है| लूम सोलर के पास 10 वाट से लगाकर 350 वोट तक के सोलर पैनल उपलब्ध है| 

कंपनी वेबसाइट: www.loomsolar.com

निष्कर्ष

यदि अब आप सोलर लगाने के बारे में सोच रहे हैं या खरीदने जा रहे हैं तो सबसे पहले आपको यह पता होना चाहिए कि आपको किस तरह के सोलर सिस्टम की जरूरत है| आप सोलर सिस्टम पर किस बिजली के उत्पाद को चलाने वाले हैं और किस रेंज का सोलर सिस्टम आपको चाहिए| सोलर पैनल का आकार कैसा होगा स्ट्रक्चर का आकार कैसा होगा साथ ही सोलर पैनल की दक्षता कितनी होगी इन सारी बातों की आप गणना कर सकते हैं| और यहां पता लगा सकते हैं कि सोलर किस दिशा में होना चाहिए और यह गणना कर सकते हैं की सोलर सिस्टम से आपको कितने यूनिट बिजली प्राप्त होगी| सोलर सिस्टम लगाने से पहले यह बहुत जरूरी है की सोलर से होने वाली बिजली की गणना पहले कर ली जाए|

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